Mera Priya Khiladi Dhoni In Hindi: मेरा प्रिय खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी का जीवन-चरित्र: जानिए कैसे महेंद्र सिंह धोनी ने अपने अनौपचारिक नाम ‘कैप्टन कूल’ के साथ भारतीय क्रिकेट को नए उच्चाईयों तक पहुंचाया। धोनी के कला, शालीन व्यक्तित्व और अनवरत सफलता के पीछे के कहानी को खोजें, जिन्होंने खेती-किसानी से लेकर खेल के मैदान तक कई क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बनाई है।
मेरा प्रिय खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी (Mera Priya Khiladi Dhoni In Hindi)
दुनिया में बहुत सारे ऐसे खिलाड़ी पैदा हुए हैं, जिन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर अपनी टीम को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, लेकिन मैं महेंद्र सिंह धोनी को अपना फेवरेट खिलाड़ी मानता हूं। धोनी जैसा खिलाड़ी न पैदा हुआ है और न पैदा होगा। धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने वह मुकाम हासिल किया जो कई दशकों तक नहीं हो पाया था। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने कई बड़े टूर्नामेंट जीते।
कैप्टन कूल नाम से फेमस हैं धोनी
धोनी की बल्लेबाजी बहुत ही कलात्मक होती है। वह अपनी ताकत से नहीं बल्कि कला के दम पर गेंदबाजों के नाम में दम करते थे। जब वह बल्लेबाजी करते हैं तो दीवाली जैसा वातावरण रहता था। उन्होंने ही क्रिकेट में हवाई शॉट का ईजाद किया। जब वह इस शॉट को लगाते थे, तो मैदान पर हर कोई उनका मुरीद हो जाता था। वह अभी भी आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से कप्तानी कर रहे हैं और खेल रहे हैं। उन्हें भारतीय टीम में कैप्टन कूल के नाम से पुकारा जाता है।
मैदान पर आक्रामक लेकिन बाहर हैं शालीन
जब धोनी बल्लेबाजी करते हैं तो मुझे बहुत सुखद अनुभव होता है। आज धोनी को दुनिया भर में चाहने वाले हैं और हों भी क्यों न ऐसा खिलाड़ी एक सदी में एक बार ही आता है। महेंद्र सिंह धोनी व्यक्तित्व के बहुत ही शालीन हैं। वह हमेशा मुस्कुराते रहते हैं अपने प्रतिद्वंद्वी को भी हंसाते हैं। वह कभी भी किसी पर कटाक्ष नहीं करते हैं। उनका भाषण भी बड़ा शालीन होता है। वह मैदान पर जितना आक्रमक दिखते हैं, मैदान के बाहर वह उतने ही शालीन हैं। हंसमुख व्यक्ति हैं। इन्हीं सब कारणों से धोनी मेरे प्रति खिलाड़ी हैं।
छोटे शहर से आते हैं धोनी
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची, झारखंड (तत्कालीन बिहार) में एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था। धोनी के पिता पान सिंह जूनियर मैनेजमेंट के पद पर काम करते थे और उनकी मां देवकी देवी गृहिणी हैं। धोनी ने डीएवी जवाहर विद्या मंदिर, रांची में अध्ययन किया, जहां उन्होंने बैडमिंटन और फुटबॉल जैसे खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और उन्हें जिला और क्लब स्तर की प्रतियोगिताओं में चयन हुआ।
जब वह स्कूल फुटबॉल टीम में थे तो वह एक गोलकीपर थे। एक बार, धोनी को फुटबॉल कोच ने विकेटकीपर बनने के लिए चुनौती दी थी। उन्होंने अपने विकेटकीपिंग कौशल से सभी को प्रभावित किया, और इसके बाद धोनी ने 1995-98 के दौरान तीन साल के लिए कमांडो क्रिकेट क्लब टीम में विकेटकीपर के रूप में स्थायी स्थान प्राप्त किया।।
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उनके जीवन पर बन चुकी है फिल्म
धोनी के जीवन पर एक फिल्म भी बन चुकी है। इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत ने धोनी की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में दिखाया गया है कि साक्षी सिंह रावत से शादी करने से पहले, धोनी प्रियंका झा से प्यार करते थे, जिनकी 2002 में एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, तब धोनी भारतीय क्रिकेट टीम में चुने जाने की पूरी कोशिश कर रहे थे। धोनी ने 4 जुलाई, 2010 को साक्षी सिंह रावत से शादी की, जिनसे वह एक होटल में मिले थे। धोनी की एक बेटी जीवा भी है।
कप्तानी में तीन ICC ट्रॉफी जीते
कप्तान बनने के बाद धोनी ने सितंबर 2007 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित आईसीसी T20 टूर्नामेंट में भारत को जीत दिलाई। साल 2011 में उनकी कप्तानी में भारत ने वनडे वर्ल्ड कप पर भारत ने कब्जा किया। वहीं 2013 में धोनी के नेतृत्व में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी भी जीत लिया। वहीं धोनी ने आईपीएल में चेन्नई की तरफ से खेलते हुए CSK को अब तक पांच बार विजेता बना चुके हैं।
खेती-किसानी करते हैं धोनी
महेंद्र सिंह धोनी खाली समय में रांची में खेती-किसानी भी करते हैं। वह अपने घर के बागान में ही सब्जियों और फलों की खेती करते हैं। इस तरह वह किसान के पेशे को भी सम्मान देते हैं। यह सबके लिए प्रेरणा का काम करता है। धोनी इसके अलावा गाय भी रखते हैं और उससे दूध का उत्पादन करते हैं। इसके अलावा धोनी कई तरह के व्यापार से जुड़े हैं। जैसे उनका कपड़ों का ब्रांड है। इस तरह धोनी खेल के अलावा कई तरह की गतिविधियों में संलिप्त हैं। वह भारतीय सेना में अहम पद पर हैं। कई बार वह सीमा पर हमारे फौजी भाइयों का हौसला बढ़ाने भी जा चुके हैं। उनकी यह गतिविधि हमें काफी प्रेरित करता है।
निष्कर्ष
इस तरह हमने अभी तक धोनी के पूरे जीवन को जानकर यह सीखा है कि इंसान अगर कोई काम करता है तो उसमें पूरा मन लगाकर करे। धोनी मैदान पर होते थे तो वह अपना सौ फीसदी देते थे। हर मुश्किल समय में उन्होंने टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। हारते मैच को उन्होंने जीता है। उनकी यही खासियत थी। अब जब वह उम्र के उस पड़ाव पर है, फिर भी चेन्नई को उन्होंने 2023 आईपीएल में जीत दिलाई। उनसे हमें यही सीख मिलती है, कि जीवन में कैसी भी परिस्थिति आए, लेकिन उसका डटकर मुकाबला करना चाहिए। इससे उन्हें जीत जरूर मिलेगी। यही कारण है कि धोनी मेरा प्रिय खिलाड़ी है।