Shri Guru Gobind Singh Ji Essay In Hindi | गुरु गोविंद सिंह जी पर निबंध

गुरु गोविंद सिंह जी को आज भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में लोग मानते हैं। गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन के बारे में अक्सर स्कूल व कॉलेज में हमें निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। आज हम आपको इसलिए के माध्यम से Shri Guru Gobind Singh Ji Essay In Hindi में बताने वाले हैं। जानेंगे कि गुरु गोविंद सिंह जी कौन है और इनका हमारे जीवन में कितना महत्व है। पूरी जानकारी के लिए आप इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ाना।

Shri Guru Gobind Singh Ji Essay In Hindi

Shri Guru Gobind Singh Ji Essay In Hindi । गुरु गोविंद जी सिंह पर निबंध

गुरु गोविंद सिंह जी कौन है?

श्री गुरु गोविंद सिंह जी एक महान पुरुष थे,जिन्होंने मानवता के लिए कई महान काम किये और दुनिया को दया और भाव का रास्ता दिखाया । श्री गोविंद सिंह जी ने धर्म की रक्षा करने के लिए कई युद्ध भी किए थे। गोविंद सिंह जी के बलिदानों के लिए तो हर कोई इंसान नतमस्तक हो जाए । ऐसे वीर पुरुष के लिए तो पूरे भारतवर्ष को उन पर गर्व होगा। जिन्होंने अपना सब कुछ सिर्फ लोगों की भलाई के लिए लूटा दिया।

गोविंद सिंह जी का जन्म स्थान

आपको पता होगा की गोविंद सिंह जी का जन्म पटना जो की बिहार की राजधानी है, वहां पर 22 दिसंबर, सन 1666 में हुआ था । गोविंद सिंह जी के जन्म स्थान को अब हम लोग तखत श्री हरमिंदर जी पटना साहिब के नाम से जानते है। गोविंद सिंह जी ने अपने जन्म स्थान में सिर्फ शुरुवात  4 साल ही बिताए ।

उसके बाद सन 1670 में उनका परिवार उन्हें लेकर पंजाब चला गया और फिर उसके बाद उनका परिवार हिमालय के शिवालिक पहाड़ियों में बना नानकी नाम की जगह पर आ गया, जिसे आज हम लोग आनंदपुर साहिब के नाम से जानते है। इसी जगह पर गुरु गोविंद सिंह जी ने शिक्षा प्राप्त की थी।

गुरु गोविंद सिंह जी का परिवार

अगर हम यहां बात गोविंद जी के परिवार की करते है,तो  गोविंद जी के परिवार में मुख्य रूप से तो उनके माता पिता ही रहते थे ।उनकी माता का नाम श्रीमती गुजरी देवी था और उनके पिता जी का नाम श्री तेग बहादुर था। गोविंद जी के पिता जी सिखों के नवें गुरु माने जाते है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की गोविंद सिंह की 3 पत्नियां थी। जब गोविंद जी 10 वर्ष के थे,तब उनकी शादी यानी की उनका पहला विवाह माता जीतो से हुआ था।  जब वह 17 साल के थे,तब उनकी दूसरी शादी माता सुंदरी के साथ हुई थी।

33 वर्ष में उन्होंने तीसरी शादी माता साहिब दीवान से की थी। इन सभी पत्नियों से गुरु गोविंद सिंह जी के चार बेटे थे। जिनके नाम जुझार सिंह जोरावर सिंह और फतेह सिंह और चौथे बेटे  का नाम अजीत सिंह था।

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गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती क्यों मनाते हैं?

गुरु गोविंद सिंह जी सिख समुदाय के दसवें सिख गुरु थे। सिक्ख गुरु होने के साथ वह एक महान पराक्रमी भी थे । गोविंद जी को दसवां सिक्ख गुरु इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने सिखों के पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहब को पूरा किया था।

गोविंद जी ने गरीबों की रक्षा के लिए मुगलों से 14 युद्ध किए थे। जिसमें उनकी जीत भी हुई थी। इस युद्ध में गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने पूरे परिवार को खोया । उनके इसी बलिदान के लिए हर साल गुरु गोविंद सिंह जयंती मनाई जाती है।

सिख समुदाय में गुरु गोविंद सिंह जयंती कैसे मनाई जाती है।

अगर आप को यह पता नहीं है कि गुरु गोविंद सिंह जयंती कैसे मनाई जाती है,तो यह भी हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से जरूर बताएंगे। गोविंद सिंह जयंती इनकी याद में मनाई जाती है । इस दिन के अवसर पर सभी सिख गुरुद्वारों को सजाया जाता है और कई जगह पर भंडारों और लंगरों का आयोजन किया जाता है ।

इस दिन लोग बड़े शौक से गुरुद्वारों में भजन कीर्तन करते हैं और गुरुद्वारों में माथा टेकने जाते हैं और कुछ लोग बड़े पैमाने पर गुरुद्वारे में दान करते है। तो कुछ इस प्रकार से गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती मनाई जाती है।

गुरु गोविंद सिंह जी की मृत्यु

यदि आप लोग ये बात नहीं जानते की गुरु गोविंद सिंह जी की मृत्यु कैसे हुई थी, तो आपको ये बात जरूर जाननी चाहिए।गोविंद सिंह जी की मृत्यु 7 अक्टूबर 1708 में हुई गुरुजी ने बहादुरशाह को बादशाह बनाने में मदद की थी। बहादुर शाह और गुरु जी के संबंध को देखकर नवाब वजित खान डर गया । इसीलिए उसने दो पठानों की मदद से  गुरु गोविंद सिंह पर धोखे से जानलेवा हमला करवाया और इस हमले में गोविंद जी की मृत्यु हो गई।

निष्कर्ष

इस आलेख से साफ होता है कि गुरु गोविंद सिंह जी भारतीय इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्यक्ति थे जिन्होंने अपने जीवन में धर्म की रक्षा के लिए उद्यमी रूप से काम किया। उनके बलिदान और युद्धों ने उन्हें एक शूरवीर बना दिया जिसकी जयंती आज भी सिख समुदाय में धूमधाम से मनाई जाती है। उनका जन्म स्थान और परिवार के बारे में जानकारी से यह साबित होता है कि वे अपने जीवन को सेवा में समर्पित करने के लिए कैसे उत्साहित थे। गुरु गोविंद सिंह जी की मृत्यु ने उनके वीरता और निष्ठा की मिसाल बनाई और उनके बलिदानों को याद करते हुए उन्हें समर्पित भक्तों का आदर बना रखा है।


हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से श्री गुरु गोविंद सिंह जी के बारे में जानकारी दी है । उम्मीद करते है की आपको Shri Guru Gobind Singh Ji Essay In Hindi समझ आ गया होगा। अगर आपको उनके जीवन के बारे में कुछ भी प्रश्न करना है, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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