Hindi Essay On Zoo | चिड़ियाघर पर निबंध

Hindi Essay On Zoo: पशु और पक्षियों को जानने के लिए बच्चों में हमेशा कौतूहलता बनी रहती है। यही कारण है कि वे चिड़ियाघर जाने को लेकर काफी उत्सुक रहते हैं। वे यहां पर कई तरह के जानवरों और पक्षियों से मिलते हैं और उनकी हरकतों पर खूब खुश होते हैं। दरअसल, इन जानवरों को लेकर उनके मन में कई तरह के सवाल होते हैं और यह चिड़ियाघर उनके सवालों का जवाब देता है।

Hindi Essay On Zoo

चिड़ियाघर पर निबंध (Hindi Essay On Zoo)

चिड़ियाघर वह जगह है, जहां जीवित पशु पक्षियों को बहुत बड़ी संख्या में संग्रहित कर रखा जाता है। लोग इन संग्रहित पशु-पक्षियों को सुविधा और सुरक्षापूर्वक देखभाल करते हैं। यहां पर उनके प्रजनन और चिकित्सा आदि की भी व्यवस्था होती है। चिड़ियाघर का उद्देश्य यह होता है कि सभी जानवरों को उनको प्राकृतिक आवास मिल सके और मनुष्य भी उससे जुड़ सके। चिड़ियाघर में कई लुप्त जानवरों को संरक्षित कर रखा भी जाता है।

चिड़ियाघर का इतिहास

चीन के चाऊ वंश के प्रथम शासक के पास पशु-पक्षियों का संग्रहालय था। ईसा के 2000 वर्ष पूर्व के मिस्रवासियों की कब्रों के आसपास पशुओं की हड्डियां पाई गई है, जिससे पता लगता है कि वे लोग मनोरंजन के लिए अपने आसपास पशुओं को रखा करते थे। रोमन लोग भी पशुओं को पकड़कर अपने पास रखते थे। प्राचीन रोमनों और यूनानियों के पास ऐसे संग्रह थे, जिनमें सिंह, बाघ, चीता, तेंदुए आदि रहते थे। आज भी संसार के प्रत्येक देश में बड़े शहरों में बड़े-बड़े चिड़ियाघर मौजूद है।

चिड़ियाघर का उद्देश्य

आज के समय चिड़ियाघर के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं- मनुष्य का मनोरंजन करना, पशु पक्षियों के आचरण, व्यवहार, चालढाल, प्रकृति आदि का अध्ययन करना और उनपर कुछ ऐसे प्रयोग करना जिनसे प्राप्त ज्ञान को मानव हित में प्रयुक्त किया जा सके। अंतिम उद्देश्य की पूर्ति के कारण ही हम अनेक नई-नई ओषधियों के आविष्कार करने में समर्थ हुए हैं। इन ओषधियों से अनेक असाध्य रोगों की चिकित्सा आज सफलता से की जा रही है। कुछ पशुओं की शारीरिक क्रिया मनुष्य से बहुत मिलती जुलती है। इस कारण नए औषधियों का पशुओं पर जो प्रभाव होता है, उसी प्रकार का प्रभाव मानव शरीर पर भी होता है।

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देश के प्रमुख चिड़ियाघर

  1. दिल्ली का चिड़ियाघर: दिल्ली का चिड़ियाघर सबसे दिलचस्प पर्यटन स्थलों में से एक है। इस चिड़ियाघर को 1959 में बनाया गया था। यह एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों की सूची में भी शामिल है। यह चिड़ियाघर दिल्ली के पुराने किले के पास स्थित हैं। यह चिड़ियाघर दुनियाभर के करीब 1,350 पशुओं और 130 पक्षियों की प्रजातियों को आश्रय प्रदान करता है।
  2. कोलकाता का चिड़ियाघर: अलीपुर जू जिसे कलकत्ता चिड़ियाघर या अलीपुर का प्राणी उद्यान भी कहा जाता है, भारत में स्थापित सबसे पुराना चिड़ियाघर है और कोलकाता का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है । 46.5 एकड़ के क्षेत्र में फैला, चिड़ियाघर 1876 से संचालित हो रहा है जो बड़ी संख्या में वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। इसमें रॉयल बंगाल टाइगर, हाथी, वन-सींग वाले गैंडे, व्हाइट टाइगर, ज़ेबरा, मृग, हिरण जैसे प्राणियों का घर है।
  3. चेन्नई का चिड़ियाघर: चेन्नई में स्थित अरिनगर अन्ना जुलॉजिकल पार्क भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह देश का सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध चिड़ियाघर है और इसे देश का पहला पब्लिक जू भी कहा जाता है। इस चिड़ियाघर को पहले मद्रास जू के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर तमिल नेता अरिनगर अन्ना के नाम पर कर दिया गया।
  4. हैदराबाद का चिड़ियाघर: हैदराबाद का चिड़ियाघर 380 एकड़ में फैला हुआ है इसकी स्थापना 1963 में हुई थी। इसे नेहरू जियोलॉजिकल पार्क कहा जाता है। यहाँ बहुत सारे पशु पक्षियों की भरमार है। इस चिड़ियाघर में एक बड़ी झील भी है जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। यहाँ आप खुद की गाड़ी में घूमने का भी लुत्फ उठा सकते हैं। कहा जाता हैं कि यह चिड़ियाघर निशाचर जानवर जैसे फ्रूट बैट्स, वुड उल्लू, ग्रेट हॉर्न्ड उल्लू का घर है।
  5. असम का चिड़ियाघर: असम के गुवाहाटी में स्थित यह चिड़ियाघर पूर्व भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर हैं जो कि 432 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। इसकी स्थापना 1957 में हुई थी। यहाँ पर बंगाल टाइगर, एशियाटिक लायन, हिमालनीय काला भालू, भारतीय गैंडे के अलावा कई अन्य देशी और विदेशी पशु और पक्षी हैं। इस चिड़ियाघर में पिग्मी हॉग का संरक्षण भी किया जा रहा है।

इसके अलावा कई शहरों में कई तरह के चिड़ियाघर हैं, जहां आप घूम सकते हैं और पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं।

चिड़ियाघर के फायदे

अक्सर किसी भी जानवर जैसे-बंगाल टाइगर, शेर, भालू या फिर किसी विलुप्त पशु-पक्षी को देखना होता है तो नेशनल पार्क की तरफ जाते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि ये जानवर सिर्फ नेशनल पार्क में ही देखने को मिलेंगे। भारत में आज हजारों चिड़ियाघर या फिर जूलॉजिकल पार्क मौजूद हैं जहां इन्हें आसानी से देखा जा सकता है। इसके अलावा चिड़ियाघर में परिवार के साथ पिकनिक मनाने भी जाया जा सकता है। इससे हमें काफी सुकून मिलता है। ऐसा महसूस होता है कि हम प्रकृति की गोद में खुद को पा रहे हैं। इससे हमें मानसिक शांति और सुकून भी मिलता है।

चिड़ियाघर के नुकसान

चिड़ियाघर जहां मनोरंजन के लिए एक बेहतरीन जगह है, वहीं यह बहुत शोषणकारी भी है। यह गरीब जानवरों का फायदा उठाकर उनसे लाभ कमाता है। चिड़ियाघरों में जानवरों को बहुत बुरी स्थिति में रखा जाता है। यह सिर्फ राजस्व पैदा करने के लिए अनैतिक तरीके अपनाता है। कई बार उन्हें अनुकूल जगह नहीं मिलने के कारण उनकी मौत हो जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चिड़ियाघर विदेशी जानवरों की उचित देखभाल नहीं करते हैं।

निष्कर्ष

अंततः हम कह सकेत हैं कि चिड़ियाघर एक हद तक इंसानों और जानवरों के लिए बहुत मददगार है। हालांकि पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि जानवर वहां पर सुरक्षित हैं और उनकी लगातार निगरानी की जा रही है। जानवरों की और अधिक हानि को रोकने के लिए अनैतिक चिड़ियाघरों को तुरंत बंद कर देना चाहिए। सरकार को इस दिशा में हमेशा ध्यान देना चाहिए। इससे हम इंसान भी चिड़ियाघर से लाभ उठा सकेंगे और उन निरीह प्राणियों को भी कोई नुकसान नहीं होगा।

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