Vidyarthi Anushasan Par Nibandh In Hindi | विद्यार्थी अनुशासन पर निबंध 2024

आज का लेख विद्यार्थी अनुशासन पर निबंध (Vidyarthi Anushasan Par Nibandh In Hindi) के ऊपर है। अक्सर स्कूल में अनुशासन पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, ऐसे में यह निबंध उन छात्रों के लिए कारगर हो सकता है जो अनुशासन(discipline essay in hindi) पर निबंध खोज रहे हैं। तो आइये इसके बारे में विस्तार से पढ़ें।

Vidyarthi Anushasan Par Nibandh In Hindi

विद्यार्थी अनुशासन पर निबंध (Vidyarthi Anushasan Par Nibandh In Hindi)

किसी भी व्यक्ति या विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है, अगर आपके अंदर अनुशासन की कमी है तो आप कभी भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते है। जिस व्यक्ति में अनुशासन की कमी होती है वह व्यक्ति ना अपने लिए और ना ही अपने समाज के लिए और ना ही देश के लिए कुछ अच्छा काम नहीं कर सकता है। बिना अनुशासन के व्यक्ति का जीवन निर्थक माना जाता है। स्कूल में बच्चो को अनुशासन के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ अनुशासन सिखाया जाता है।

अनुशासन का अर्थ

अनुशासन शब्द से आपको पता चल रहा होगा की अनुशसन शब्द दो शब्दों अनु और शासन से मिलकर बना है। यहाँ पर पहले शब्द अनु का मतलब है पालन करना और शासन का अर्थ है नियम, पूरे शब्द का अर्थ है नियम का पालन करना। आप ऐसे भी समझ सकते है अनुशासन का अर्थ है बड़ों की आज्ञा मानना या नियमों को फॉलो करना या अधिकारियों के आदेश का पालन करना इत्यादि। अक्सर स्कूल या काफी जगह पर अनुशासन का पालन मजबूरी वश किया जाता है लेकिन सच्चा अनुशासन तभी होता है जब विद्यार्थी या व्यक्ति अपने मन से अनुशासन का पालन करें।

अनुशासन के प्रकार

चलिए अब हम आपको अनुशासन के प्रकारो के बारे में बताते है। मुख्य रूप से अनुशासन दो प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे है

प्रेरित अनुशासन

प्रेरित अनुशासन के नाम से ही आपको अंदाजा लग रहा होगा की किसी अन्य व्यक्ति के दवारा प्रेरित होकर या अन्य व्यक्ति के दबाव में अनुशासन का पालन करना है। इस तरह के अनुशासन में आपके जीवन और जीवन में लेने वाले निर्णयो पर किसी और व्यक्ति का नियंत्रण होता है। जब किसी भी व्यक्ति पर इस तरह का नियंत्रण हो जाता है तो व्यक्ति ऐसे अनुशासन को बोझ की तरह मानता है और जल्द से जल्द ऐसे अनुशासन से छुटकारा पाने की कोशिश करता है।

आत्म अनुशासन

आत्म अनुशासन से आपको समझ आ रहा होगा अपने मन से अनुशासन का पालन करना। इस तरह के अनुशासन को सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इस तरह के अनुशासन में व्यक्ति के जीवन के निर्णय स्वयं लेने होते है। ऐसे में व्यक्ति जब किसी भी नियम का पालन करता है तो उस व्यक्ति को एक आनंद प्राप्त होता है। अनुशासन का पालन करने वाले व्यक्ति पर किसी भी अन्य व्यक्ति का नियंत्रण नहीं होता है।

विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का महत्त्व

किसी भी विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का महत्त्व सबसे ज्यादा होता है, अगर विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन नहीं है तो उसका जीवन उलझनों से भरा हो सकता है। जो विद्यार्थी अनुशासन का पालन करता है वह अनुशासनहीन विद्यार्थी के मुकाबले जटिल समस्याओं का सामना आसानी से कर सकते है। सरल भाषा में समझे तो जो विद्यार्थी अनुशासन का पालन नहीं करता है उसे जीवन में कभी सफलता प्राप्त नहीं होती है, दरसल ऐसे विद्यार्थी स्चूल में ना तो टीचरो की बात सुनते है और ना टीचरो के द्वारा दी जा रही शिक्षा को प्राप्त करते है।

अनुशासनहीन विद्यार्थी किसी भी उचित और सही काम को करने की जगह बेकार के कामो में अपना समय बिताते है। अनुशासन ही विद्यार्थी या व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में मदद करने के साथ-साथ लक्ष्यों को पाने में मदद करता है।

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अनुशासन की जरुरत

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन की जरुरत होती है, व्यक्ति को स्कूल में अच्छे नंबर लाने में, खेल में जीतने के लिए, स्वस्थ रहने के लिए सफलता प्राप्त करने के लिए भी अनुशासन बेहद जरुरी है। अगर आप में अनुशासन नहीं है तो आप जीवन में कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकते है। किसी भी व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समय का पाबंद और नियमित होना बेहद जरुरी है।

हालाँकि अनुशासित होना इतना आसान भी नहीं है, इसके लिए आपको कड़ी मेहनत, लगन और दृढ़ समर्पण की जरुरत होती है। इसके अलावा स्वस्थ शरीर होना भी बेहद जरुरी है अगर व्यक्ति स्वस्थ नहीं होगा तो वह किसी भी काम को सही से नहीं कर सकता है।

सफलता की कुंजी

सफलता प्राप्त करने के लिए अनुशासन को पहली सीढ़ी कहा जा सकता है। जीवन में सफल होने के लिए लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित होना जरुरी है जिसमे अनुशासन आपकी मदद करता है और अनुशासन आपको लक्ष्य से भटकने से भी रोकता है। सरल भाषा में समझे तो किसी बच्चे को अच्छे नंबर से पास होना है तो उसे रोजाना नियमित रूप से टाइम टेबल बनाकर पढाई करनी होगी। ऐसे में अगर बच्चा अनुशासन का पालन करता है अर्थात नियमित रूप से निश्चित समय पर सभी विषयो को पढता है तो उसे सफलता जरूर मिलती है लेकिन अगर विद्यार्थी अनुशासन का पालन नहीं करता है अर्थात पढ़ने में लापरवाही करता है तो उसे सफलता प्राप्त नहीं होती है।

निष्कर्ष

इस निबंध का सारांश करते हुए कह सकते हैं कि अनुशासन व्यक्ति और विद्यार्थी के जीवन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल व्यक्ति को आत्म-नियंत्रण और सफलता की कुंजी प्रदान करता है, बल्कि उसे समाज, देश, और स्वयं के प्रति जिम्मेदारी भी सही दिशा में बढ़ने का संज्ञान कराता है। विद्यार्थियों के लिए अनुशासन उनके अध्ययन और उनके उच्चतम लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके बिना, जीवन को एक सही दिशा में मोड़ना संभावनहीन हो जाता है।


ऊपर हमने आपको विद्यार्थी अनुशासन पर निबंध (Vidyarthi Anushasan Par Nibandh In Hindi) के बारे में जानकारी दी है, अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करके ऐसे छात्रों के पास तक पहुँचाने में मदद करें जीभे अनुशासन पर निबंध के बारे में जानकारी नहीं है।

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